एक बार की बात है एक पहाड़ी पर कुछ बंदरो का कब्ज़ा था। बन्दर वहाँ पर बड़े मज़े से रह रहे थे। कुछ दिनों के बाद उस पहाड़ी पर बने गुफा में एक शेर अपने secretary सियार के साथ वहाँ पर रहने के लिए आया।
बंदरो को जब पता लगा तो वह शेर के पास जाकर बोले की इस पहाड़ी पर हमारा कब्ज़ा है आप कहीं और जाकर रह लीजिये। उसकी इस बात को सुनकर शेर के secretary सियार ने बोला की तुम बंदरो के रहने के लिए पेड़ है और शेर के रहने के लिए गुफा है।
तुम जाकर पेड़ में रहो। शेर ने बंदरो को आश्वासन दिया की जब तक तुम मुझको परेशान नहीं करोगे मै तुमको कुछ नहीं कहूंगा। इसके बाद बन्दर गुफ़ा से चले गए। लेकिन शेर का वहाँ आकर रहना उन्हें अच्छा नहीं लग रहा था।
इसलिए वह शेर को भगाने के लिए बहुत तरकीब लगाने लगे। लेकिन उनकी कोई भी तरकीब क़ामयाब नहीं हो रही थी। एक दिन शेर ने सियार से कहा की खाना खाने के बाद मुझको पानी पिने के लिए इतना दूर जाना पसंद नहीं है इसलिए वह बर्तन में पानी लाकर रख दे। बंदरो ने शेर की इस बात को सुन लिया।
उनने सोचा अब वह शेर को पानी पिने नहीं देंगे। इसके बाद अगले दिन सियार शेर के लिए एक बर्तन भरकर पानी लेकर आया और उसको गुफ़ा के बाहर रख दिया। सियार के जाने के बाद बंदरो ने एक बांस की सहायता से सारा पानी खींचकर पहाड़ी से नीचे गिरा दिया।
कुछ देर के बाद जब शेर ने खाली बर्तन देखा तो सियार पर गुस्सा हुआ की तुमने मेरे लिए पानी नहीं रखा। सियार ने बोला उसने पानी रखा था लेकिन शायद गर्मी की वजह से सुख गया होगा। कल वह और ज़्यादा पानी लेकर आएगा।
अगले दिन सियार बर्तन भरकर पानी लेकर आया। लेकिन बंदरो ने उसको भी बांस की सहायता से पहाड़ी से नीचे गिरा दिया। जब शेर आया तो वह सियार पर बहुत ज़्यादा गुस्सा हुआ की वह कामचोर है और उसने पानी नहीं रखा।
वह उसको अपने सेक्रेटरी से हटा देगा। सियार ने शेर को बताया की वह पानी लेकर आया था। अगले दिन सियार फिर पानी लेकर आया जिसके बाद सियार और शेर गुफ़ा में छुप कर देखने लगे। कुछ देर में बन्दर आये और बांस लगाकर सारा पानी खाली कर दिया।
अब शेर और सियार को समझ आ चूका था। इसके बाद सियार जब भी पानी लेकर आता तो वह आधा पानी गुफा में और आधा पानी बाहर बंदरो के लिए छोड़ देते थे। बहुत बार बंदरो को पता चला की शेर हमें उसका पानी गिराते हुए देख रहा है लेकिन कुछ बोल नहीं रहा।
इसके अलावा अब शेर शिकार करके बहुत जल्दी भी आ रहा था। यह इसी तरह 2 – 3 महीने चला। इसके बाद बन्दर थककर शेर के पास गए। वह शेर से बोले हम 2 -3 महीने से आपका पानी गिरा रहे है और आप यह सब देख भी रहे है तो आप कुछ क्यों नहीं कह रहे। इस पर शेर ने बोला क्योंकि इससे तुम मेरा फायदा ही कर रहे हो।
बन्दर बोले वह कैसे शेर ने बताया जो पानी तुम पहाड़ी से निचे गिराते हो उससे पहाड़ी के नीचे हरी हरी घास उग गयी है जिससे बहुत से जानवर वहाँ चरने आते है। मै जब शिकार करने जाता हूँ तो वह नीचे मुँह करके घास खा रहे होते है।
जिससे में आसानी से उनका शिकार कर पाता हूँ और जल्दी लौट आता हूँ। तुमको यह सोचना चाहिए की तुम जिसका नुक्सान कर रहे हो उससे उसका नुक्सान हो रहा है या फायदा।