एक बार की बात है जंगल में एक शेर था। वह जंगल का राजा था। सभी जंगल के जानवर उससे डरते थे। एक दिन शेर आराम कर रहा था तभी एक चूहा आया और  शेर के शरीर पर मस्ती करते हुए कूदने लगा। उसके कूदने से शेर जग गया और उसने चूहे को पकड़ लिया।

शेर के द्वारा पकड़े जाने पर चूहे ने शेर से विनती   कि और कहा की वह उसको छोड़ दे जरूरत आने पर वह भी शेर की सहायता करेगा। यह बात सुनकर शेर बहुत हंसने लगा की एक छोटा सा चूहा मेरी क्या सहायता करेगा लेकिन फिर भी उसने उस चूहे को छोड़ दिया।

कुछ दिनों के बाद कुछ शिकारी जंगल में आए। उन्होंने शेर को पकड़ने के लिए एक जाल बनाया। शेर कुछ समय के बाद उस जाल में फस गया और बहुत जोर-जोर से गुर्राने लगा। शेर के फस जाने पर शिकारी शेर को रख कर ले जाने के लिए गाड़ी लेने चले गए। 

शेर की आवाज सुनकर चूहा आया। उसने शेर को जाल में फसें परेशान देखा और कहा कि आप फिक्र मत करो। मैं आपको अभी इस जाल से मुक्त कर दूंगा। यह कहकर चूहे ने अपने मजबूत दांतो से जाल को काट दिया। जिससे शेर जाल से आजाद हो गया।

कुछ देर में शिकारी गाड़ी लेकर शेर को लेने आए लेकिन शेर को जाल से छूटा हुआ देखकर भाग खड़े हुए। उसके बाद शेर ने चूहे को जान बचाने के लिए धन्यवाद किया और कहा कि अब तुम जब भी चाहो मेरे शरीर पर कूद कर मस्ती कर सकते हो और तुम्हे जंगल में कोई भी जानवर परेशान करे तो मुझे कहना। इस तरह शेर और चूहा दोस्त बन गए।

Moral of the story:

इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है कि हमें किसी को छोटा समझ कर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।