एक बार की बात है राजू नाम का एक लड़का था। वह 8 साल का था और वह बहुत जिद्दी था। वह हर बात पर अपने माँ बाप के साथ जिद्द करता था। राजू को बाज़ार की चीज़े बहुत पसंद थी। उसे घर का खाना अच्छा नहीं लगता था। घर का बना पौष्टिक भोजन कम खाने के कारण वह कमज़ोर होता जा रहा था।

 

एक दिन राजू बाज़ार से घर आया उसकी मम्मी ने राजू से खाने के लिए पूछा लेकिन राजू ने कहा की मेरा आज चिप्स, बर्गर और कोल्ड ड्रिंक पिने का मन है। उसकी मम्मी के बहुत समझाने के बाद भी वह नहीं माना। जिससे राजू की मम्मी ने उसे कुछ पैसे दिए जिससे राजू चिप्स, बर्गर और कोल्ड ड्रिंक लेकर आ गया और खा लिया।

 

शाम के समय राजू ने अपनी मम्मी से पूछा आज कौन सी सब्जी बनी है। उसकी मम्मी ने बताया आज गोभी की सब्जी बनायीं है। राजू ने कहा की मुझको गोभी की सब्जी अच्छी नहीं लगती। राजू का खाना खाने का मन नहीं था लेकिन शाम के समय उसके पापा भी थे।

 

उनके डर की वजह से वह खाना खाने बैठ गया। लेकिन उसको खाना अच्छा नहीं लग रहा था। उसको को बाजार का पिज़्ज़ा खाना था। जैसे ही उसके मम्मी पापा की नज़र राजू पर से हटी। उसने छुपा कर खाने को फूलदान में डाल दिया। अगली सुबह स्कूल जाने से पहले राजू की मम्मी ने राजू को दूध पिने को दिया।

 

उसका दूध पिने का मन भी नहीं था। इसलिए राजू ने दूध को भी छुपाकर खिड़की से बाहर फेंक दिया और स्कूल चला गया। जब राजू की मम्मी ने घर की सफ़ाई करी तो उन्हें फूलदान में गोभी की सब्ज़ी मिली और राजू के पापा को खिड़की के बाहर दूध गिरा मिला। अब वह दोनों समझ गए थे की यह सब राजू ने ही किया है।

 

वह दोनों राजू के घर का खाना सही से न खाने और बाहर के फास्टफूड को लेकर उसकी रूचि को लेकर परेशान हो गए थे। उन्होंने इस बारे में राजू की टीचर से बात करने की सोची और दोनों राजू की क्लास टीचर से मिलने चले गए।

 

उन्होंने टीचर से राजू के सही से खाना न खाने की आदत के बारे में उनसे बताया। टीचर ने सारी बात सुनकर कहा की मै इस बारे में कुछ करती हूँ। 2 दिन के बाद राजू का जन्मदिन था जिसमे राजू की टीचर भी राजू के घर आयी थी। उस दिन राजू के पेरेंट्स ने भी राजू को बाहर का खाना खाने के लिए मना नहीं किया।

 

टीचर ने राजू को गिफ़्ट के रूप में राजू को एक पौधा दिया और राजू को बोला की तुम इस पौधे का सही से ख़्याल रखना और समय पर पानी देते रहना। राजू ने टीचर को कहा की वह पौधे का ध्यान रखेगा। अगले दिन राजू पौधा लेकर आया और अपनी मम्मी से पौधे में डालने के लिए पानी माँगा।

 

राजू की मम्मी ने कहा की तुमको तो कोल्डड्रिंक बड़ी पसंद है तुम पौधे को भी कोल्ड ड्रिंक क्यों नहीं डालते। राजू ने ऐसा ही किया और पौधे में कोल्डड्रिंक डालने लगा। कुछ दिन के बाद पौधा थोड़ा सूखने लगा राजू ने अपने पापा को इस बारे में कहा तो उसके पापा ने कहा की इस पौधे में खाद की कमी है।

 

तुमको तो चिप्स बहुत पसंद है तुम पौधे को भी चिप्स के चूरे की खाद क्यों नहीं देते। राजू ने वैसा ही किया। कुछ दिनों के बाद पौधा और सुख गया। जिससे राजू चिंतित हो गया। राजू जब अपने कमरे में बैठा था और राजू के मम्मी पापा कमरे में आये उन्होंने राजू को समझाया की जब तक हम पौधे को सही से पानी और सही खाद नहीं देंगे तो पौधा सुख जायेगा।

 

उसी प्रकार हमारा शरीर भी है यदि हम इसको घर का पौष्टिक खाना न देकर बाहर का फास्टफूड और कोल्डड्रिंक देंगे तो यह तुम्हारे शरीर की तरह कमजोर हो जायेगा। अब राजू को घर के पौष्टिक खाने के महत्व के बारे में पता चल चूका था।

 

राजू अब पौधे को पानी और सही खाद देने लगा जिससे कुछ ही दिनों में पौधा हरा भरा हो गया। राजू ने भी अब बाहर का फास्टफूड खाना बहुत कम कर दिया और घर का पौष्टिक खाना खाने लगा। जिससे राजू के शरीर की कमज़ोरी दूर होकर वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया। यह देखकर राजू के मम्मी, पापा और टीचर बहुत खुश थे। 

 

Moral of the Story

बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें जिद्द नहीं करनी चाहिए और बड़ो का कहना मानना चाहिए। इसके साथ ही हमें बाज़ार के चटपटे भोजन का लालच छोड़कर घर का बना हुआ पौष्टिक भोजन खाना चाहिए। जो हमारे स्वास्थय के लिए बहुत लाभदायक होता है।