एक हरे भरे जंगल में बहुत सारे पेड़ थे। वहाँ पीपल , आम, सेब, नीम, शीशम, आदि के पेड़ थे। सब पेड़ों के बीच एक पेड़ का तना बहुत चौड़ा और मुड़ा हुआ था। जो देखने में बहुत ही भद्दा लगता था। सब पेड़ उसको देखकर उसका मज़ाक उड़ाते थे।
वह पेड़ जिससे बहुत निराश होता और भगवान से कहता आपने मुझे क्यों इतना बदसूरत बनाया। मै बाकि पेड़ो की तरह क्यों नहीं हूँ। एक दिन उस जंगल में एक लकड़हारा आया। उसने उस बदसूरत पेड़ को देखा और कहा की इसका तना कितना चौड़ा है। यह मेरे किसी काम का नहीं है।
फिर उसने उसके साथ के बाकि सभी पेड़ को काट दिया और लेकर चला गया। इसके बाद उस पेड़ ने कहा भगवान जो भी करते है अच्छे के लिए करते है। आज मेरी बदसूरती ने मेरी जान बचाई है।
Moral of the story:
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें अपनी परेशानियों के लिए ईश्वर को दोष नहीं देना चाहिए। उसके पीछे जरूर कोई न कोई कारण होता है।