एक गाँव में राम और श्याम नाम के दो दोस्त रहते थे। राम 10 साल का था। जबकि श्याम 6 साल का। एक दिन दोनों खेलते खेलते गांव से बाहर पहुंच गए। वहाँ राम खेलता हुआ एक कुँए में जाकर गिर गया। राम को तैरना नहीं आता था। श्याम ने राम को बचाने के लिए बहुत जोर जोर से सहायता के लिए आवाज़ लगाई।
लेकिन वहाँ पर कोई नहीं था। तभी श्याम को पास में एक रस्सी से बंधी हुई बाल्टी नज़र आयी। श्याम ने वह बाल्टी कुँए में फेंक दी और राम को इसको पकड़ने को कहा। इसके बाद श्याम इसको जोर से खींचने लगा। कुछ समय बाद राम कुँए से बाहर आ गया।
जिससे दोनों खुश हुए और अपने गाँव लौट गए। गांव पहुंचकर उन्होंने यह बात सबको बताई। लेकिन कोई भी उनकी इस बात को मानने को तैयार नहीं था की श्याम राम को कुँए के बाहर खींच सकता है। लेकिन तभी एक बुजुर्ग बोला यह सच बोल रहे है।
क्योंकि वहाँ पर कोई भी यह बात बताने वाला नहीं था की श्याम तुम यह नहीं कर सकते। लेकिन श्याम को अपने आप पर भरोसा था। जिससे वह यह कर पाया।
Moral of the story:
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें अपने आप पर भरोसा रखना चाहिए। जिससे हम असंभव काम को भी संभव कर सकते है।