एक बार दो कौए गोलू और भोलू थे। गोलू थोड़ा धूर्त था। भोलू बहुत सीधा था। उन दोनों में इस बात को लेकर बहस हो गयी की। हम दोनों में कौन श्रेष्ठ है। गोलू ने कहा मै तुमसे ताकतवर हूँ इसलिए मै श्रेष्ठ हूँ। भोलू बोला मै तुमसे उम्र में बड़ा हूँ इसलिए मै श्रेष्ठ हूँ।
उन्होंने आपस में एक प्रतियोगिता रखी की एक भरा हुआ थैला लेकर जो ऊपर उड़ेगा वह श्रेष्ठ होगा। गोलू धूर्त था। उसने अपने थैले को रुई से भर लिया। जबकि भोलू ने अपने थैले को नमक डाल कर भर लिया। अपने अपने थैले लेकर दोनों उड़ने लगे।
गोलू अपना हल्का थैला लेकर ऊपर उड़ने लगा। जबकि भोलू अपने नमक से भरे थैले से नीचे ही उड़ रहा था। लेकिन वह फिर भी ऊपर जाने का प्रयास कर रहा था। तभी जोर की बारिश होने लगी। जिससे रुई भारी हो गयी और नमक हल्की। अब भोलू गोलू से ऊपर उड़ रहा था। जिससे वह प्रतियोगिता जीत गया।
Moral of the Story:
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें ईमानदारी से काम करना चाहिए।