अचल पोदनपुर के महाराज प्रजापति के पुत्र तथा माता भद्रा के आत्मज थे । ये ग्यारहवें तीर्थंकर श्री श्रेयांसनाथ के समय में पहले बलदेव बने । भगवान्‌ महावीर का जीव पूर्वजन्म में त्रिपृष्ठ नाम के वासुदेव के रूप में इनका छोटा भा‌ई था। इनकी संपूर्ण आयु ८५ लाख वर्ष की थी। जीवन के अन्तिम समय में त्रिपृष्ठ की मृत्यु के बाद इन्होंने संयम लिया और केवल्य प्राप्त कर मुक्त हु‌ए.

 

 --त्रिशष्टि शलाकापुरुष: चरित्र, पर्व ४, सर्ग १.