भगवन् ! वाणव्यन्तर देवों की स्थिति कितने काल की है ? गौतम ! जघन्य दस हजार वर्ष की है, उत्कृष्ट एक पल्योपम की है । अपर्याप्त वाणव्यन्तर की स्थिति जघन्य और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त्त की है । पर्याप्तक वाण-व्यन्तर की स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त कम दस हजार वर्ष की है और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त कम एक पल्योपम की है । वाणव्यन्तर देवियों की स्थिति जघन्य दस हजार वर्ष और उत्कृष्ट अर्द्ध पल्योपम है । अपर्याप्त वाणव्यन्तरदेवियों की स्थिति जघन्य और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त्त है । पर्याप्तक वाणव्यन्तरदेवियों की स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त कम दस हजार वर्ष और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त कम अर्द्ध पल्योपम है ।