मनुष्यों की काल स्थिति

 

भगवन्‌ ! मनुष्यों की कितने काल की स्थिति है ? गौतम ! जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त है और उत्कृष्ट तीन पल्योपम की है । अपर्याप्तक मनुष्यों की स्थिति जघन्य और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त्त की है । पर्याप्तक मनुष्यों की स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त कम तीन पल्योपम है । सम्मूर्च्छिम मनुष्यों की स्थिति जघन्य और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त्त है । गर्भज मनुष्यों की स्थिति औघिक मनुष्य समान जान लेना ।